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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

3 लाख किसान महिलाओं के खाते में 54,000 करोड़ रुपये भेज किया आर्थिक सशक्तिकरण

3 लाख किसान महिलाओं के खाते में 54,000 करोड़ रुपये भेज किया आर्थिक सशक्तिकरण

भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पीएम किसान योजना के अंतर्गत महिलाओं की हिस्सेदारी के विषय में चर्चा की है। उनका कहना है कि भारत की लगभग 3 लाख महिला किसानों को 54,000 करोड़ रुपये डीबीटी के जरिए हस्तांतरित कर दिए गए हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बजट सत्र-2023-24 के शुभारंभ में अपने एक संबोधन में बताया था, कि भारत के 11 करोड़ छोटे किसानों को सरकार प्राथमिकता दे रही है। जो दशकों से लाभ से दूर थे। इन किसानों का सशक्तिकरण किया जा रहा है। जिससे कि वह मजबूत हो सकें। 

देश की 3 लाख महिला किसानों को दिया फायदा

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना को दिसंबर 2018 में जारी किया गया था। परंतु, फरवरी 2019 से ही सम्मान निधि की किस्तों का अंतरण शुरू हुआ है। इस योजना के लाभार्थी किसानों को सरकार वार्षिक 6,000 रुपये की आर्थिक सहायक धनराशि प्रदान करेगी। यह धनराशि दो-दो हजार रुपये की 3 किस्तों के अंदर प्रत्येक चार माह की समयावधि में सीधे किसानों के बैंक खाते में हस्तांतरित कर दी जाती है। अब तक 2.25 लाख करोड़ रुपये किसानों को प्राप्त हो गए हैं। इन लाभार्थियों के अंदर 3 लाख महिला किसान भी शम्मिलित हैं, जिनको 54,000 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद दी जा चुकी है।

सरकार द्वारा चलाईं गई किसान हित में योजनाएं

अपने संबोधन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बताया है, कि केंद्र सरकार की तरफ से किसानों के हित में विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं। इस योजना के अंतर्गत किसान क्रेडिट कार्ड, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड शामिल हैं। इन समस्त योजनाओं का लाभ पशुपालकों एवं मछली पालकों को भी दिया जा रहा है। नतीजतन, इसकी वजह से छोटे किसानों को भी बल मिल पाएगा। इनको और भी ज्यादा मजबूती प्रदान करने के लिए किसान उत्पादन संगठनों के गठन से लेकर न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने तक का निर्णय लिया गया है। 

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जानें पहली किस्त से बारहवीं किस्त तक का ब्यौरा

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने यह भी कहा है, कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की प्रथम किस्त के समय 3.16 करोड़ लाभार्थियों को फायदा हुआ था। वहीं दूजी किस्त में 6.63 करोड़, तीसरी किस्त में 8.76 करोड़, चौथी किस्त में 8.96 करोड़, पांचवी किस्त 10.49 करोड़, छंटवी किस्त में 10.23 करोड़, सातवीं किस्त में 10.23 करोड़, आठवीं किस्त में 11.16 करोड़, नौंवी किस्त में 11.19 करोड़, दसवीं किस्त में 11.16 करोड़, 11वीं किस्त में 11.27 करोड़ और 12वीं किस्त में 8.99 करोड़ रुपये के लगभग सहायक धनराशि अंतरित करदी गई है। राष्ट्रपति मुर्मू जी का कहना है, कि पीएम किसान एक केंद्रीय योजना है, जो केंद्र सरकार द्वारा 100 फीसद वित्त पोषित हैं। इस योजना हेतु राज्य सरकारें एवं केंद्रशासित प्रदेश प्रशासन ऐसे किसान परिवारों की जाँच करते हैं, जो कि योजना के नियम के आधार पर मदद के पात्रता रखते हैं।

द्रौपदी मुर्मू के द्वारा स्वीकृत किए गए इस विधेयक से 11 हजार काश्तकारों को मिलेगा लाभ

द्रौपदी मुर्मू के द्वारा स्वीकृत किए गए इस विधेयक से 11 हजार काश्तकारों को मिलेगा लाभ

राज्य सरकार के अनुसार, यह अधिनियम कृषि सुधार से जुड़ा कदम है। इससे कृषि क्षेत्र में निवेश को काफी प्रोत्साहन मिलेगा एवं पैदावार भी बढ़ेगी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा पंजाब के एक विधेयक को स्वीकृति प्रदान करदी गई है। मंजूरी मिलते ही यह विधेयक फिलहाल कानून में परिवर्तित हो गया है। इस कानून के चलते प्रदेश के 4,000 एकड़ से ज्यादा भूमि पर कब्जा रखने वाले 11,200 से भी अधिक काश्तकारों को मालिकाना हक मिल पाएगा। एक अधिकारी का कहना है, कि सरकार को आशा है, कि यह कानून भूमि जोतने वालों को मजबूत करेगा। साथ ही, जो लोग समाज में आर्थिक एवं सामाजिक तौर से लाचार, उन्हें भी सशक्त बनाएगा। जानकारी के अनुसार, यह काश्तकार बहुत सालों से जमीन के छोटे-छोटे हिस्सों पर काबिज हैं।साथ ही, पीढ़ी-दर-पीढ़ी उत्तराधिकारी के तौर पर स्वयं का अधिकार प्राप्त करते हैं। चूंकि, वह पंजीकृत स्वामी नहीं थे, इसलिए ना तो वह वित्तीय संस्थानों से ऋण प्राप्त कर सकते थे। साथ ही, किसी प्राकृतिक आपदा की स्थिति में उन्हें सहायता मिलती थी। लेकिन अब उन्हें अन्य भूस्वामियों की तरह सभी लाभ मिलेंगे।

कृषि क्षेत्र में निवेश और उत्पादकता में वृद्धि होगी

इस विधेयक से समुचित सहायक धनराशि का भुगतान करने के उपरांत 4,000 एकड़ से ज्यादा जमीन पर कब्जा रखने वाले 11,200 से ज्यादा काश्तकारों को संपत्ति के अधिकार की अनुमति देता है। साथ ही, एक आधिकारिक बयान में बताया गया है, कि यह अधिनियम कृषि सुधार से संबंधित कदम है। वहीं, इससे कृषि क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा एवं पैदावार भी बढ़ेगी।

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इन समुदायों को मिलेगा अधिकार

इस विधेयक को स्वीकृति मिलते ही पंजाब में मुकर्ररिदार, मुंधिमार, पनाही कदीम, सौंजीदार, ताराद्दादकर, भोंदेदार, बुटेमार, डोहलीदार, इंसार मिआदी समुदायों को संपत्ति का हक मिल गया है। इन समुदायों के व्यक्ति बहुत सालों से 4 हजार एकड़ भूमि के रकबे पर काबिज थे। वहीं, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा स्वीकृति मिलते ही इन समुदाय के लोगों के मध्य खुशियों की लहर चल रही है। इन लोगों द्वारा सरकार और राष्ट्रपति का शुक्रिया अदा किया है। दरअसल, इस विधेयक, वर्ष 2020 में पंजाब विधानसभा में उस समय पारित किया गया था जब राज्य में अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार थी।

नवीन कृषि नीति जारी की जाएगी

बतादें कि पंजाब सरकार किसानों की प्रगति के लिए नवीन कृषि नीति पर भी कार्य चल रहा है। विगत माह पंजाब के कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने बताया था कि नवीन कृषि नीति तैयार करने हेतु कृषि विशेषज्ञों की 11 सदस्यीय समितियों का गठन कर दिया गया है। यह समिति 31 मार्च तक नवीन कृषि नीति निर्मित कर लेगी। विगत सरकार द्वारा भी इस पर कवायद की थी, परंतु नीति को कभी अधिसूचित नहीं किया था।